Dhokebaaz matlabi Dost Shayari

मतलबी दोस्त श्यारीया – Dhokebaaz matlabi Dost Shayari

Dhokebaaz matlabi Dost Shayari दोस्तों आज हमने दोकेबाज मतलबी दोस्त शायरी लिखी है। दोस्त हमारे जीवन में बहुत मह्त्वपूण हिस्सा रखते है, लेकिन कई दोस्त स्वार्थी होते है वह अपने स्वार्थ के लिए अपने दोस्तों को ही देखा दे देते है। इसलिए हमने ऐसे मतलबी दोस्तों के लिए कुछ शायरिया लिखी है।

Dhokebaaz matlabi Dost Shayari

(1)

की बहुत अच्छा किया तूने
बहुत अच्छी सिख दे गया तू
तूने दोस्ती मतलब की थी
और दोस्ती में दोखा दे गया तू।

(2)

कोरा कागज हमने भरना सीख लिया
तनहाई में खुश रहना सीख लिया
और देखा है हमने लोगों को बदलते हुए
और अब तो दोस्तों ने भी मतलब का हुनर सिख लिया

(3)

जो दोस्ती हकीकत लग रही थी वो सारे ख्वाब निकले
जिन्हे मानता था सच्चा साथी वो  वो सारे सांप निकले।
एक वक्त था जब वो मेरे लिए जान देने के दावे करते थे
मेरा बुरा वक्त आते ही सब दोखेबाज भाग निकले।

(4)

सच्चे दोस्त दिल में जीतनी जगह नहीं बना पाते
उससे ज्यादा तो मतलबी दोस्त बना लेते
और जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है
तो कई अपने टूट कर बिखर जाते है।

(5)

मतलबी दोस्ती शायरी दो लाइन

(6)

Dhokebaaz matlabi Dost Shayari

दिल के हाथों मजबूर होकर मौका देते हैं
तभी तो दिल में बसने वाले दोस्त धोखा देते हैं

(7)

हर वक्त मेरी जुबा पर दोस्तों का नाम आया
पर मेरे बुरे वक्त में मेरा कोई दोस्त काम न आया।

(8)

दोस्तों पर एतबार करने का दौर बीत गया
हर कोई वक्त बेवक्त बदलने का हुनर सिख गया।

(9)

अब तो लोग फटे हुए कपड़ों को नहीं सिलते हैं
दोस्त भी दिलों में नफरत लिए सादगी से मिलते हैं

(10)

बड़ा गुरूर मुझको मेरे यार पर था
बाद में पता चला मेरा एतबार एक गद्दार था

(11)

Dhokebaaz matlabi Dost Shayari

दोस्ती तोड़ दी न जाने दुखी किस बात पर था
मुझे पैट है वो वाकिफ मेरी हर जज्बात से था।

(12)

जब तू शामिल हो दुश्मनो की चाल में
तब शेर भी फस जाता है मकड़ी के जाल में

(13)

पहले जिंदगी छीन ली मुझसे
अब वह मेरी मौत का फायदा उठाते हैं
मेरी कब्र पर फूल चढ़ाने के बहाने
वह किसी और से मिलने आते

(14)

समझ लेते हैं हम उनकी दिल की बात को
वह हमें हर बार धोखा देते हैं
लेकिन हम भी मजबूर हैं दिल से
जो उन्हें बार-बार मौका देते हैं

(15)

तेरी दोस्ती ने सुकून भी दिए इतने
कि तेरे बाद कोई भी अच्छा ना लगे
तुझे करनी हो बेवफाई तो
इस अंदाज से करना कि तेरे बाद कोई भी बेवफा ना लगे

(16)

अनजाने में दिल गवा बैठे
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे
 क्या गिला करें उनसे भूल तो हमारी थी
जो बिना दिल वालों से दिल लगा बैठे

(17)

कल तक जो मेरे दोस्त थे
आज दुश्मन बन गए है
पर कोई बात नहीं उन्होंने
मेरी दोस्ती देखी है अब दुश्मनी देखंगे।

हम आशा आशा  हमारे द्वारा लिखी गयी Dhokebaaz matlabi Dost Shayari आपको पंसद आयी होगी अगर यह आपको पंसद आयी हो अपने परिवार या दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले और साथ ही कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट करके जरूर बताये। धन्यवाद और आप भी कोई मतलबी दोस्त शायरी जानते है तो हम कमेंट में लिखकर भेजे हम आपकी शायरी को आर्टिकल में शामिल करेंगे।

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