प्रिय पाठकों आज हम आपके लिए Eknath Shinde’s Biography in Hindi- नामक लेख लेकर प्रस्तुत हुए हैं। एकनाथ शिंदे जी वर्तमान काल में महराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त हुए हैं। इससे पहले वे महराष्ट्र सर्कार के अंतर्गत शहरी विकास एवं लोक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रम )के कैबिनट मंत्री के पद पर कार्यरत रह चुके हैं।
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Eknath Shinde’s Biography in Hindi – एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय हिंदी में-

Eknath Shinde’s Wikipedia |
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पूरा नाम | एकनाथ संभाजी शिंदे |
व्यवसाय | राजनेता और व्यवसायी |
जाने जाते हैं | महाराष्ट्र, ठाणे के कोपरी-पछपाखडी निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य होने के नाते |
शारीरिक संरचना |
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लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 172
मी०- 1.72 फीट इन्च- 5’ 8” |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
राजनीति | |
राजनीतिक पार्टी | शिवसेना पार्टी
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राजनीतिक यात्रा1997 में वह पहली बार ठाणे नगर निगम के लिए पार्षद के पद पर चुने गए थे ।
उन्होंने महाराष्ट्र राज्य सरकार में पीडब्ल्यूडी (पीयू) के कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया वर्ष 2014 से 2019 तक। राजनैतिक यात्रा
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व्यक्तिगत जीवन |
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जन्मतिथि | 9 फरवरी 1964 (रविवार) |
आयु (वर्ष 2022 के अनुसार) | 58 वर्ष |
जन्मस्थान | पहाड़ी जवाली, सतारा जिला, महाराष्ट्र |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | मुंबई, महाराष्ट्र |
राशि | कुंभ (Aquarius) |
हस्ताक्षर | ![]() |
स्कूल | न्यू इंग्लिश हाई स्कूल ठाणे, मुंबई |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | वाशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र |
शैक्षिक योग्यता | • 1981 में मंगला हाई स्कूल से 10वीं पास और जूनियर कॉलेज, ठाणे से 11वीं पास • यशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र से स्नातक [3] |
धर्म | हिन्दू |
शौक/अभिरुचि | किताबें पढ़ना और फिल्में देखना |
पता | एकनाथ शिंदे जी का पता
लैंडमार्क सोसाइटी, लुइसवाड़ी सर्विस रोड, ठाणे-400604, महाराष्ट्र |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
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वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
परिवार | |
पत्नी | लता एकनाथ शिंदे (व्यवसायी)![]() |
बच्चे | बेटा– 2 • श्रीकांत शिंदे (राजनेता) ![]()
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माता-पिता | पिता– संभाजी नवलू शिंदे माता– एकनाथ शिंदे जी की माता गंगुबाई शिंदे का स्वर्गवास 18 अप्रैल 2019 को हुआ था। ![]() |
भाई/बहन | भाई– प्रकाश संभाजी शिंदे (ठाणे नगर निगम में पार्षद) |
धन संपत्ति संबंधित विवरण |
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संपत्ति | चल संपत्ति नकद: 2,81,000 बैंकों में जमा: रु. 32,64,760 बांड, डिबेंचर और शेयर: रु. 30,591 एलआईसी या अन्य बीमा पॉलिसियां: रु. 50,08,930 व्यक्तिगत लोन: रु. 1,89,247 मोटर वाहन: रु. 46,55,490 आभूषण: रु. 25,87,500अचल संपत्ति कृषि भूमि: रु. 28,00,000 कमर्शियल भवन: रु. 30,00,000 आवासीय भवन: रु. 8,87,50,000 |
कुल संपत्ति | 7.82 करोड़ (2019 के अनुसार) |
एकनाथ शिंदे से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- मुम्बई के एक छोटे से चॉल में रहने वाले एकनाथ शिंदे ने ये साबित कर दिया कि किसी भी स्तर का व्यक्ति उचाईयों को छू सकता है।
- मुम्बई की उस चॉल में उन्होंने अपना काफी जीवन व्यतीतकिया। एकनाथ शिंदे एक भारतीय राजनेता के साथ -साथ एक कुशल व्यवसायी भी हैं।
- शिवसेना के सबसे प्रमुख नेता आनंद दीघे से प्रभावित होकर उन्होंने बाल ठाकरे की उपस्थिति में शिवसेना पार्टी से जुड़े थे।
- उनका जन्म और उनकी परवरिश महाराष्ट्र के सतारा जिला के एक निर्धन परिवार में हुयी थी ।
- एकनाथ शिंदे बड़े ही निर्धन परिवार से बिलोंग करते थे। शिवसेना पार्टी में शामिल होने से पहले वे अपने जीवन का जीविका एक ऑटो रिक्सा चालक के टूर पर करते थे।
परिवार
शिंदे के परिवार की स्तिथि सही न होने के कारण उनको अपनी पढ़ाई बिच में ही छोड़नी पड़ी थी।
- 1970 और 80 दशक की आयु में वह शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और तत्कालीन ठाणे जिला अध्यक्ष श्री आनंद दिघे के कामकाज से बहुत अधिक प्रभावित हुए थे।
- तभी से उन्होंने यह निश्चय कर लिया था की वह भी शिवसेना ज्वाइन करेंगे।
- महाराष्ट्र की सरकार में हलचल मचाने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे जी के जीवन में एक ऐसा भी समय आया था।
- वे उस समय पूरी तरह से टूट चुके थे जब उनके सामने ही उनके पुत्र और पुत्री की मृत्यु पानी में डूबने से हो गयी थी।
- शिंदे उस समय पूरी तरह से जीवन से हार चुके थे।
- और राजनीतिक समेत सबकुछ छोड़ने का फैसला कर लिया था।
- आगामी दिनों में एकनाथ शिंदे अपने परिवार के साथ ‘शुभदीप’ नामक एक बंगले में रहते हैं,
- जिसका नाम उन्होंने अपने दिवंगत बच्चों दीपेश और शुभदा के नाम पर रखा गया है।
- उनका परिवार छोटा परिवार है।
- जिसमें अब उनकी धर्म पत्नी लता शिंदे, उनके सुपुत्र श्रीकांत शिंदे, बहू वृषाली शिंदे और उनका पोता रुद्रांश शिंदे हैं।
एकनाथ शिंदे कैसे जुड़े शिवसेना से –
1980 के दशक के समय में वह शिवसेना के सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना के गद्दावर नेता आनंद दिघे के संपर्क में आए, जिन्होंने उन्हें शिवसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
- शिवसेना में शामिल होने के बाद, उन्हें वर्ष 1980 में किसान नगर के शाखा प्रमुख के पद के रूप में नियुक्त किया गया था।
- उनको समाज से जुड़े कार्य अपनी तरफ आकर्षित करते थे।
- जिस कारणवश उन्होंने अपनी पार्टी द्वारा शुरू किए गए कई मुख्य राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों में भाग लेना शुरू किया,
- जिसमें मुद्रास्फीति, कालाबाजारी, और व्यापारियों द्वारा ताड़ के तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी आदि जैसे मुद्दों पर आंदोलन में पूरे जोर -शोर से भाग लिया।
- वर्ष 1985 में एकनाथ शिंदे जी ने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा पर होने वाले आंदोलन में भाग लिया जिसके कारणवश उनको महाराष्ट्र पुलिस ने महराष्ट्र की बेल्लारी जेल में पुरे 40 दिन तक अपनी हिरासत में रखा था।
- वर्ष 1996 में MSRDC की स्थापना उन्होंने इसलिए करवाई की राज्य में सड़कों का विकास हो सके।
- उनकी ये योजना थी की इस परियोजना के तहत मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे और मुंबई बांद्रा-वर्ली सी लिंक का निर्माण किया जाना था।
- लेकिन कुछ राजनैतिक कारणों से इस परियोजना को नजरअंदाज कर दिया गया ।
- शिंदे ने सत्ता में होते ही डेल्टा फाॅर्स के नेतृत्व में फाॅर्स को बढ़ाने का दिया।
- जिस कारण गाड़ियों की गति को धीमा किया जा सके ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
- इसके लिए उन्होंने सीसीटीवी और स्पीड गन उपाय स्थापित करने के आदेश दिए।
एकनाथ शिंदे का सफर –
उन्होंने इस अनुपात को शून्य करने के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से ‘जीरो फिटनेस कॉरिडोर’ योजना लागू करने का निर्देश दिया। इसके आलावा उन्होंने ओजार्डे में
- वर्ष 2001 में जब शिवसेना के ठाणे जिला प्रमुख आनंद दिघे की आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके अलावा उनकी जगह लेने वाले मात्र एकनाथ शिंदे ही थे।
- उसके बाद उन्हें ठाणे जिले में शिवसेना की तरफ से राजनीतिक मैदान में उतरा गया और शिंदे को उनके लगन एवं निष्ठा के कारण ठाणे जिले के प्रमुख के रूप में भी नियुक्त किया गया।
- उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में शिवसेना ने अपनी हर जगह छवि बना ली।
- शिवसेना का परचम ठाणे नगर निगम, कल्याण-डोंबिवली नगर निगम, उल्हासनगर नगर निगम, भिवंडी नगर निगम, अंबरनाथ नगर परिषद और बदलापुर नगर परिषद हर जगह फ़ैलाने लगा ।
एकनाथ शिंदे के राजनैतिक गुरु –
इन्होने शिवसेना के गद्दावर नेता आनंद दीघे को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। बालासाहेब ठाकरे इनके कार्यों से काफी प्रभावित रहते थे।
- महराष्ट्र की जनता भी इनके कार्यों से काफी प्रभावित थी। वर्ष 2004 में उन्होंने ठाणे विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व में भारी मतों के अंतर से चुनाव में जीत प्राप्त की ।
- वर्ष 2009, 2014 और 2019 के बाद बालासाहेब ठाकरे जी की अध्यक्षता में फिर से भारी मात्रा के वोटों से विधानसभा चुनाव जीते गए।
- 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद उनके अच्छे कार्यों के कारण उन्हें शिवसेना के विधायक दल के नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में आयुक्त किया गया।
- 2004 से 2014 तक शिंदे ने विपक्षी दल के नेता के रूप में कई मुख्य कार्य किये जिसमें से मुख्य हैं –
- ठाणे और एमएमआर में अवैध इमारतों के लिए क्लस्टर विकास योजना जैसे राज्य के मुद्दों को लगातार उठाया ताकि समाज के प्रति वो अपने कर्तव्यों से जुड़े रहें ।
- जिसमें ये मुद्दे प्रमुख हैं -ठाणे मेट्रो, ठाणे और मुलुंड के बीच एक नया विस्तारित ठाणे स्टेशन, पानी की कमी, राज्य की तटीय सुरक्षा, पुलिस बल का आधुनिकीकरण, मुद्रास्फीति, राज्य का बढ़ता कर्ज आदि शामिल है।
- अक्सर उन्हें अपनी राजनीतिक रैलियों में ऐसे मुद्दों पर भाषण देते हुए जन – जन को जागरूक करते हुए देखा जाता है।
भाजपा का साथ
एकनाथ शिंदे वर्ष 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में मंत्री पद ग्रहण करने के बाद, उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पुनः प्रारम्भ की और वाशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र से मराठी और राजनीति में स्नातक की डिग्री पूरी की ।
- वे खुद बड़ी ही गरीबी में पीला बड़े हैं। इस कारण वश वे हमेशा उन लाखों परिवारों की जो पुनर्वास से संबंधित मुद्दों की पैरवी करते हैं।
- जिनको ठाढ़ें में अवैध कह कर उनके घरों से बेघर कर दिया गया।
- दिसंबर 2019 में शिवसेना ने इनके बेहतरीन कार्य से प्रभावित होकर इनको महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में लोक निर्माण मंत्री के अतिरिक्त स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में भी नियुक्त किया गया।
शिंदे का राजनैतिक इतिहास –
22 नवम्बर 2020 को एकनाथ शिंदे एक सफल व्यवसायी भी हैं। उन्होंने अपने इकलौते बेटे श्रीकांत शिंदे और अपने चचेरे भाई महेश शिंदे के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर में आधुनिक तरीके से एक स्ट्रॉबेरी प्लांट की स्थापना की। उनके परिवार में आपस में बहुत ही माध्रता है।
- एक डैम से कहा जाए तो ये एक अफवाह थी। कि शिवसेना के कुछ विधायकों ने विधान परिषद चुनावों में क्रॉस वोट किया, जिसके परिणामस्वरूप एमएलसी सीटों पर भाजपा की जीत हो रही थी।
- कुछ मीडिया सूत्रों के मुताबिक यह विधायक चुनाव संपन्न होने के बाद गुजरात के सूरत में एक होटल में जा ठहरे।
- यह भी खबर थी कि एकनाथ शिंदे शिवसेना पार्टी के कामकाज से खुश नहीं थे। शिवसेना ने उन पर पार्टी के खिलाफ बगावत करने का आरोप भी लगाया था।
अंतिम शब्द –
प्रिय पाठकों आज हम आपके लिए Eknath Shinde’s Biography in Hindi- नामक लेख लेकर प्रस्तुत हुए हैं। आशा करते हैं की आपको पसंद आया होगा। तो कृपा करके इसको लिखे और शेयर करें। धन्यवाद