मित्रो आज हमने 1- 12 तक की कक्षा के बच्चों के लिए essay on cricket in hindi लिखा है. वर्तमान समय में क्रिकेट हर व्यक्ती ने कभी न कभी तो अपनी ज़िन्दगी मई खेला होता है। तो आज हम जानेंगे की इस खेल की शुरुवात कहा से हुई और कैसे हुई।
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Best Essay on Cricket in Hindi
प्रस्तावना
क्रिकेट का खेल अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व का खेल है। पहले केवल अंग्रेजी स्कूल और कॉलिज के छात्र ही इसमें अभिरुचि लेते थे, लेकिन इस समय तो छात्रों के अतिरिक्त युवा और वयस्क नागरिक भी इसमें रुचि लेने लगे हैं। समाचार-पत्र में भी इसके विषय में नित्य नए-नए समाचार प्रकाशित होते रहते हैं। यद्यपि यह खेल नितान्त विदेशी है, फिर भी भारतीयों ने अपनी बुद्धि और बाहुबल के सहारे पर्याप्त उन्नति की। भारतीय क्रिकेट टीम ने भी विदेशों में जाकर कई स्थानों पर बड़े-बड़े आश्चर्यजनक प्रदर्शन किए हैं।
ब्रिटिश संग्रहालय में लगे हुए चित्रों से यह प्रतीत होता है कि इस खेल को पहले लड़के खेलते थे। सन्निहित: १ चर्चा में फ्रांसीसी खेलों में इसकी सर्वप्रथम चर्चा मिलती है। डॉ। जॉनसन ने इस खेल का वर्णन करते हुए एक स्थान पर लिखा है कि खेलने वाले गेंद में छड़ी मारकर खेलते थे। जैसे-जैसे मानव की बुद्धि का परिष्कार और शिक्षा का विकास होता है-उसी तरह क्रिकेट के खेल में भी सुधार होगा।
कहा जाता है कि इस खेल का नियमानकाल प्रदर्शन सबसे पहले 1050 ई ० में गिलफोर्ड नामक स्कूल में हुआ था। तब से धीरे-धीरे यह खेल बढ़ता गया। आज यह अपनी सर्वप्रियता के कारण इतना प्रसिद्ध हुआ है कि विज्ञान-पत्रों मे स्थान स्थान पर होने वाले टैस्ट मैचों के समाचार प्रकाशित हैं। क्रिकेट का सर्वप्रथम टैस्ट मै “क्लेककस्केन” में हुआ था।
विदेशों में इसकी विधिवत शिक्षा देने के लिए क्लबों की स्थापना हुई। इसमें उन देशों को आर्थिक लाभ भी हुआ। सन् 1926 में लगभग उत्तर और दक्षिण के देशों में कई बड़े-बड़े सफल मैच हुए। हे। आज इगलेन्ड क्रिकेट का सबसे अच्छा क्षेत्र है। देशों में इसका पर्याप्त प्रचार है।
क्रिकेट की शुरुवात
अंग्रेज भारत में अकेले नहीं आये, अपितु अपने साथ अपनी भाषा, अपनी संस्कृति और सभ्यता और खेल भी लाये। भारत सदैव से अपनी प्राहित्य शक्ति के लिए प्रसिद्ध रहा है। अठारहवीं शताब्दी में, मुंबई में एक क्रिकेट क्लब की स्थापना हुई। इस क्लब की स्थापना का श्रेय बम्बई के तत्कालीन गवर्नर को थी। उन्होंने इस क्लब को आर्थिक सहायता दी और जनता में इसके प्रति अभिरुचि उत्पन्न की, बम्बई में यह खेल जब काफी लोकप्रिय हो गया तब तक क्रिकेट का राजगुरु टूर्नामेंट प्रारम्भ हुआ।
इस खेल को देखने की भारतीयों के दिल में काफी उत्सुकता थी। सन् 1982 भारत में क्रिकेट के खिलाड़ियों की टीम ने पूरे भारत का दौरा किया। भारतवर्ष के प्रसिद्ध-प्रसिद्ध नगरों में उस टीम ने मैचों का आयोजन किया और अपनी कला-कौशलता से दर्शकों को मन्त्र-मुग्ध कर लिया। 1992 इंग्लैंड में भारतीय क्रिकेट के खिलाड़ियों की एक टीम इंग्लैंड भी गई।
उसके पश्चात इस खेल की भारतवर्ष में आशातीत वृद्धि हुई। आज तो साधारण पढ़े-लिखे लोगों से लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों द्वारा भी यह खेल बड़े चाव से खेला जाता है और देखा जाता है। जहाँ कहीं यह खेल होना सुना जाता है वहाँ छात्र, अध्यापक और साधारण जनता की भीड़ इसे देखने के लिए उमड़ पड़ती है अब तो इस खेल को देखने के लिए टिकट लगा दिए जाते हैं, फिर भी दर्शकों की पर्याप्त संख्या होती है।
आज इस खेल का अनारकरात्मक महत्त्व है। देश-विदेश की क्रिकेट टीमें भारतवर्ष में अपनी कला-कौशल प्रदर्शित करने आती है। भारतीय टीमें भी विदेशों में खेलने जाती हैं। राष्ट्र की ओर से खिलाड़ियों को पुरस्कार और सम्मान प्राप्त होता है। कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने तब अपनी यशु-चन्द्रिका पूरे विश्व में विकीर्ण कर दी हैं। आज उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त है, जिसमें से विजय हजारे, अमरनाथ, मनकद, नवाब पटौदी और सुनील गावस्कर आदि प्रमुख हैं।
क्रिकेट के नियम
क्रिकेट का खेल एक विशाल मैदान में खेला जाता है। मैदान के बीचों-बीच एक 22 गज लम्बा पिच तैयार हो जाता है। इसके दोनों ओर 3-3 की दूरी पर तीन-तीन विकिट गाड़े जाते हैं, जिन पर यह खेल खेला जाता है। इस खेल में बदला लेने वाले खिलाड़ियों की दो टोलियाँ होती हैं।
प्रत्येक टीम का एक-एक कप्तान होता है, जो अपनी-अपनी टीम का संचालन करता है। खेल प्रारम्भ होने से पूर्व दोनों टीम के कप्तान मैदान में जाकर रैफरी के समक्ष टॉस करके यह निर्णय करते हैं कि कौन पहले खेलेगा या खिलायेगा, जो टॉस जीत जाता है उसको इस निर्णय का हक होता है। इस प्रकार यह खेल प्रारम्भ होता है और खेलने वाली पार्टी के दो खिलाड़ी ऐन-अपने बैट के बारे में मैदान में विकिटों के आगे आकर खड़े हो जाते हैं और दूसरी टीम का एक खिलाड़ी बाउलिंग करता है।
अगर बैट द्वारा उसको वह मारकर दूर फेंक देता है तो इस बीच दौड़कर अपनी रन संख्या में वृद्धि कर देता है। एक टीम खेलती है और दूसरी खिलाती है। जब एक के दस खिलाड़ी आउट हो जाते हैं, तो दूसरी पार्टी की खेलने की बारी आती है और इसी प्रकार दोनों पक्षों में से जिनकी रन संख्या अधिक हो जाती है वही पार्टी विजयी घोषित हो जाती है।
क्रिकेट खेल के प्रकार- Type of Cricket Game
क्रिकेट के खेल को दुनिया में अलग – अलग फॉर्मेट में जाना जाता है इसके खेलने के अलग प्रकार है
1.अंदर-19 क्रिकेट 2. टी-20 क्रिकेट 3. आई पी एल (IPL) क्रिकेट 4. वर्ल्ड कप क्रिकेट 5. टेस्ट क्रिकेट
1.अंडर -19 क्रिकेट – Under -19 Cricket
यह क्रिकेट भी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के जैसे ही खेला है इसमें भी रेगुलर क्रिकेट के जैसे ही नियम पालन होते हैं। यह खेल अंतराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे निचा स्तर वाला खेल है।
2. टी-20 क्रिकेट – T20 Cricket
यह खेल 20 – 20 ओवर का ही खेला जाता है इसलिए ऐसे 20- 20 क्रिकेट कहते है। इस खेल में सभी खेल की तरह ही नियम होते है।
3. आई पी एल (IPL) क्रिकेट – IPL Cricket
आईपीएल भारत देश में खेला जाता है यह खेल साल में एक बार ही खेला जाता है इस खेल में 20 ओवर ही होते है लेकिन इस एक खास बात है की यह सभी देशो की टीम के खिलाड़िओ को मिक्स करके खेलते है। यह खेल दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में चलने वाला है।
4. वर्ल्ड कप क्रिकेट – World Cup Cricket
इस खेल सभी देश की टीमें होती है सभी देश की टीमों के बिच में प्रतियोगिता होती है। इस मैच में 50 ओवर होते हैं। ये मैच बहुत ही आनंद पूर्ण और रोचक होते हैं
वर्ल्ड कप जितने के लिए सभी देश के खिलाड़ी अपनी अपनी टीम को जितने के लिए जान सब लगा देते हैं, क्योंकि ये देश के सम्मान की बात होती हैं
5. टेस्ट क्रिकेट – Test Cricket
यह खेल कम से कम 5 दिन तक खेले जाने वाला खेल है इसमें ओवर की कोई मात्रा नहीं होती है बस खिलाडी आउट होने बाद ही खेल खत्म होता है या फिर 5 ख़त्म हो जाता है।
निष्कर्ष
आधुनिक युग में यह खेल अत्यधिक प्रसिद्धि और लोकप्रियता प्राप्त कर चुका है। स्वास्थ्य लाभ और मनोरंजन की दृष्टि से इसका विशेष महत्व है। भारतीय इस खेल में विशेष निपुण होते जा रहे हैं, इसीलिए उनकी कीर्ति देश-देशान्तरों में फैलती रही है।
1993 विश्व ई ० में इंगलैंड में आयोजित विश्व कप प्रतियोगिता में विश्व कप जीतने कर भारतीय टीम ने अपने देश को गौरवान्वित किया। यद्यपि भारत भ्रमण पर आई विश्व की सर्वश्रेष्ठ वैस्टंडींडी टीम को भारतीय टीम परजित नहीं कर सकी किन्तु तदुपरान्त दुबई में आयोजित प्रतियोगिता में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त कर ली।
जिस प्रकार हिल के खेल में स्व ० ध्यानचंद का नाम विश्व विख्यात है उसी प्रकार भारत के सुनील गावस्कर विश्व क्रिकेट इतिहास में सर्वोच्च बल्लेबाज है जिसका नाम क्रिकेट जगत के कई कीर्तिमान हैं।
इन खेलों से मनुष्य में कई उदात्त भावनाओं का जन्म होता है, क्योंकि वह जीवन संग्राम में सफलता प्राप्त करता हुआ जीवन के वास्तविक उद्देश्य की प्राप्ति करता है। इन्हीं खेलों की तरह जीवन भी एक खेल है।
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