Essay On My school In Hindi

मेरे विद्यालय पर निबंध – Essay On My school In Hindi

Essay On My school In Hindi दोस्तों आज हमने स्कूल पर निबंध लिखा है। अक्सर बच्चो को विद्यालय पर निबंध लिखना होता है। इसलिए हमने विद्यालय पर बहुत ही सुन्दर निबंध लिखा है। इसकी साहयता से आपको my school in hindi पर निबंध लिखने में आसनी होगी। यहाँ पर आप शिक्षक दिवस पर भाषण भी पढ़ सकते है।

Contents

My School Par Nibandh

भूमिका-

विद्यालय वह पवित्र स्थान है जहाँ अबोध बच्चों को अनुशासन, सच्चरित्रता तथा सभ्य नागरिक बनने की शिक्षा दी जाती है। यहाँ पर बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। स्कूल में हमारे अद्यापक हमें सफलता तक पहुंचने का रास्ता दिखते है। विद्यालय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। मेरा विद्यालय भी मेरे लिए विद्या का मन्दिर है। मुझे मेरा विद्यालय बहुत अधिक प्रिय है

परिचय-

मेरा विद्यालय अपने नगर का एक आदर्श विद्यालय है। इसका नाम भारतीय विद्याभवन है। मेरा विद्यालय राजधानी दिल्ली के नई दिल्ली क्षेत्र में एक ऐसा अनोखा विद्यालय है, जिसकी प्रशंसा यदा-कदा समाचार-पत्रों में हुआ करती है। मेरे विद्यालय का अनुशासन और कार्यपद्धति सचमुच अनोखे और विरले हैं।

विद्यालय का भवन व आकार- Vidyalay Per Nibandh

मेरा विद्यालय तीन मंजिला भवन बहुत ही सुन्दर है। इसमें कुल मिलाकर पचास कमरे हैं, बीचों-बीच एक बड़ा मैदान है, जिसमें आकर्षक और मनोरम पेड़-पौधे लगे हैं जिनमें फल-फूलों की सदा बहार रहती है। सभी कमरे हवादार, खिड़कियों सहित छोटे-छोटे रोशनदानों से सुसज्जित सुन्दर दिखाई पड़ते हैं। कमरों के सामने बरामदा और बरामदे के आगे फैली हुई हरियाली की आकर्षक शोभा मन को बार-बार आकर्षित किए है। विद्यालय के दूसरी ओर एक बहुत बड़ा मैदान है जहाँ हमारी प्रार्थना होती है और खेल के समय अध्यापक बच्चों को खेल खिलाते हैं। विद्यालय के प्रायः सभी कमरों में श्याम-पट एवं गुरुजी के लिए कुर्सी-मेज रखी होती है। वों के बैठने की उत्तम व्यवस्था है।

उनके लिए प्रत्येक कमरे में डैस्क लगे हुए हैं। प्रत्येक कमरे की दीवारों पर शिक्षापयोगी चार्ट लगे हुए हैं। विद्यालय में एक बड़ा पुस्तकालय है जहाँ अलग-अलग विषयों की हजारों पुस्तकें और समाचार-पत्र रखे होते हैं। विद्यालय के बड़े हॉल में समय-समय पर बाल- सभाएँ, छोटे-छोटे नाटक व दूरदर्शन द्वारा शिक्षा दी जाती है। विद्यालय के अन्य कमरे कम्प्यूटर, विज्ञान, चित्रकला, खेल-कूद, स्काउट, रेडक्रास आदि के लिए सुरक्षित हैं।

विद्यालय के अध्यापक-मेरे विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र तथा छात्राएं पढ़ते हैं। यह विद्यालय नर्सरी से 12वीं कक्षा तक है। इसमें लगभग रूठ अध्यापक एवं अध्यापिकाएँ कार्यरत हैं। वे सभी प्रशिक्षित तथा अपने विषयों में पारंगत हैं। मेरे विद्यालय में एक प्रधानाचार्य तथा एक उप-प्रधानाचार्य हैं जो बहुत ही अनुशासन प्रिय हैं। मेरे विद्यालय के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएँ बहुत दयालु तथा विद्यार्थियों के हितैषी हैं। वे सभी विद्यार्थियों की कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करते हैं। विद्यार्थी भी अपने गुरुजनों का बहुत सम्मान करते हैं। मेरे विद्यालय के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएँ बड़े ही योग्य एवं परिश्रमी हैं।

विधालय में मिलने वाली सुविधाएँ

हमारे विद्यालय में जरूरत पड़ने वाली हर सुविधा उपलब्ध है। जैसे किसी भी बालक को खेल में ज्यादा रुचि होती है तो उस स्टूडेंट्स को खेल से जुड़े सभी सामान मिल जाते हैं।

हमारे विद्यालय में क्रिकेट से संबंधित सभी प्रकार के सामान मौजूद है, जैसे की बैट, गेंद, विकेट, ग्लब्स आदि। और फुटबाल पसंद करने वालों के लिए यहां फ़ुटबॉल का मैदान और फुटबॉल भी मौजूद है। इसके साथ ही , बैडमिंटन, रस्सी कूद जैसे खेल की तमाम सुविधाएं यहाँ मिल जाती है।जिस विद्यार्थी को किसी भी प्रकार का खेल पसंद है तो उस खेल से सम्बन्धित हमारे विधालय में अनेक प्रकार प्रतियोगिता होती है उस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी विद्यार्थी को भाग लेने की अनुमति होती है , और उसे उस खेल में उत्तम बनाने के लिए उसे ट्रैंनिंग दी जाती है

खेल के अलावा हमारे विद्यालय में एक बेहतरीन कंप्यूटर लैब है, जिसमें लगभग 60 कंप्यूटर्स है। हर विद्यार्थी को अलग अलग कंप्यूटर पर बिठाया है और कंप्यूटर चलाना सिखाया जाता है जो की हम सबको बहुत पसंद होता है, कंप्यूटर के अलावा हमारे विधालय में पुस्तकालय कक्ष है। जो की मुझे बहुत पसंद है क्यूंकि वहाँ बैठ कर हम शांत वातावरण में अच्छे से पढ़ सकते है जहां पर मुझे अपने पसंद की अनेक प्रकार की किताबें मिल जाती है। जैसे कि किस्से कहानियों की किताबें, कविताओं और महान पुरुषों की जीवनी संबंधी किताबें।

विधालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम

विधालयो में हमेशा सुबह प्रार्थना होती है। प्रार्थना सुबह के समय होती है जब हम सभी बच्चे और अध्यापक स्कूल आते हैं। इस समय हम सरस्वती माँ की वंदना, और गीता पाठ करते हैं। इस सबके के बाद 5 मिनट के लिए भ्रामरी प्राणायाम, और ॐ का उच्चारण किया जाता हैं।प्राणायाम करने के थोड़ी देर बाद हमारी एकाग्रता काफी ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे हमे पढ़ाया हुआ सब कुछ आसानी से और जल्दी समझ मे आये।

साल में एक बार वार्षिक समारोह का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें कई विधार्थी भाग भी लेते हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण पर्व बहुत अच्छे से मनाए जाते हैं।

इस सब के अलावा हर वर्ष पूर्व छात्र मिलन नाम से एक प्रोग्राम किया जाता है, जिसमे हमारे स्कूल में पढ़े हुए कई विधार्थी को बुलाया जाता है। इसमे से कई ऐसे होते हैं जो अपने कैरियर में काफी ऊँचाई में होते हैं।

विद्यालय जाने का समय- 

विद्यालय जाने का समय गर्मियों में सुबह 7:30 से 2:30 और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। हरे विद्यालय में बच्चों के जाने के अलग अलग रास्ते है ताकि बच्चो को बाहर निकलने में कोई परशानी नहीं हो।

उपसंहार-

मेरे विद्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे स्काउटिंग, रेडक्रास, एन.सी.सी., वाद-विवाद प्रतियोगिता, नाटक, लोकनृत्य आदि चलाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त कुछ खेल भी खिलाए जाते हैं, जैसे-वालीबाल क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी आदि। प्रत्येक वर्ष मेरा विद्यालय खेल-कूद व भाषण प्रतियोगिता आदि में कोई न कोई पुरस्कार प्राप्त कर लेता है। इन सब विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है। मेरा विद्यालय सारे नगर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। हम आशा करते है की हमारे  द्वारा लिखा गया निबंध आपको अच्छा लगा होगा।

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