आज की चर्चा का विषय gay per nibandh है गाय हमारी धरती पर हजारों वर्षों से रहती है गाय को हिंदू धर्म की मां का सम्मान और दर्जा दिया गया है क्योंकि जिस प्रकार हमारी मां हमारे पूरा ख्याल रखती है और हम उसी प्रकार गाय भी हमें स्वादिष्ट दूध देखकर हमारा ख्याल रखती है और हमें ताकतवर पोस्टिक बनाती है
गाय पूरे विश्व भर में पाए जाने वाला एक जानवर है जिसे पूरे विश्व में पालतू जानवर के रूप में पाला जाता है यहां पर गाय की हत्या करना बहुत ही अपराधिक पाप और एक नीच काम माना जाता है विश्व भर में सबसे ज्यादा गाय हमारे भारत देश में ही उपस्थित होती है गाय को सम्मान की नजरों से देखा जाने वाला देश भारती है हिंदू धर्म में कहा जाता है कि गाय के अंदर 33 करोड़ देवी देवता का वास करते हैं
इसलिए हमें गाय को कभी दुख नहीं देना चाहिए उसे कभी पीटना नहीं चाहिए कई देशों में गाय को पवित्र पशु का दर्जा दिया गया है भारत में से देवी की तरह पूजे जाते हैं हिंदू समाज में गाय को मां का दर्जा इसलिए दिया गया क्योंकि हमारे लिए हमारी मां के बराबर होती है और इसी कारण इसे गौमाता कह क्र बुलाते हैं
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गाय की उत्पत्ति कैसे (gay per nibandh)
गाय की उत्पत्ति के बारे में हम पुराणों में कई प्रकार की कथाएं पड़ेंगे पहली कथा तो यह है कि जब ब्रह्मा एक मुख से अमृत पी रहे थे तभी उनके दूसरे मुख से कुछ झाग निकलने लगे और उसी से आधी गाय सुरभि की उत्पत्ति हुई ऐसा कहा जाता है दूसरी कथा में यह माना जाता है कि दक्ष प्रजापति की 60 लड़कियां थी तो उन्हीं में से किसी एक को सुरभि के नाम से जाना जाता है तो उसे ही गाय का दर्जा दिया और तीसरा स्थान यह है कि सुरभि यथार्थ गाय की उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय 14 रत्नों के साथ हुई सुरभि से सुनहरे रंग की कपिलता गाय का उत्पन्न होना था जिसके दूध से छिर बना सागर है भगवत पुराण के अनुसार सागर मंथन के दौरान दिव्य वैदिक गाय के निर्माण की कहानी हर जगह प्रकाशित है और यही कहानी सुनी जाती है यहां से दिव्य अमृत पंचांग की उत्पत्ति होने का कारण बताया गया है कामधेनु या सुरभि ब्रह्मा द्वारा ली गई दे वैदिक गाय ऋषि को दे दी गई थी तभी से दिव्य अमृत पंचगव्य का उपयोग यज्ञ अध्यात्म संस्थानों और संपूर्ण मानव के कल्याण में भी किया जाने लगाएं
गाय की पहचान कैसे करे (gay per nibandh)
गाय की पहचान करने के लिए हमें उसके आकृति या उसकी बनावट के बारे में पता करना होगा हमारे शास्त्र में गायक पूजनीय बताया जाता है इसलिए हमारी माता बहने हमारे हिंदू समाज के सभी जन उसकी पूजा करते हैं उसको रोटी बनाते हैं और सबसे पहले उसी को रोटी देते हैं गाय का दूध अमृत के समान होता है जिस गाय को हमारे भारत के वेदो ग्रंथों में और श्री भगवत पुराण में दिखाया गया है वह कामधेनु गाय और उसे गोवंश आज भी कहते हैं जो कि एक श्री कृष्ण भगवान से सम्मिलित होता है श्री कृष्ण भगवान अपने बचपन में गाय का साथ बहुत खेले हैं और उनकी बहुत पालन पोषण किया है श्री कृष्ण भगवान है कि गो गाय को रखने वाले परिवार से मिलते हैं गाय सुंदर और उसकी पीठ पर गर्दन के नीचे त्वचा का झुकाव देता है जिसे गर्लकंबल भी कहते हैं आरंभ में आदान-प्रदान में आदि के माध्यम से गाय का उपयोग किया जाता था मनुष्य की समृद्धि और उसकी गणना उसकी गाय संख्याओं की की जाती है जिसके पास ज्यादा गाय होगी उसकी उतनी ही इज्जत और उसका उतना ही रुतबा होगा हिंदू धार्मिक दृष्टि से गाय गाय पवित्र मानी जाती है और गाय हत्या महापाप माना जाता है
गाय की नस्ल और उसके रंग (Cow breed and color)
हमारे देश में लगभग आएगी 30 से ज्यादा नस्ल पाई जाती है रेड सिंधी साहीवाल गिर देवनी थारपारकर और ऐसी कई नस्लें जो हमारे देश में दूध देने के लिए प्रमुख नस्लें मानी जाती है कुछ गाय तो दूध बहुत ही अधिक देती है उनके बर्थडे भी कर्मठ और ताकतवर होते हैं ऐसी गायों को सरवा की नस्ल की गाय कहा जाता है गाय का रंग सफेद काला लाल बादामी और चितकबरी जैसा हो सकता है जैसे कि हमारे भारत देश में अनेक प्रकार की नस्ल की गाय पाई जाती है और गांव में हर घर में गाय हर जगह गाय गाय दिखाई देंगे इसलिए हमारे देश में गाय को माता का रूप दिया गया है
गाय की शारीरिक संरचना (body structure of cow)
वैसे तो गाय की शारीरिक संरचना हर देश में समान पाई जाती है परंतु कभी-कभी कहीं-कहीं देशों में गाय की कद काठी और नस्ल में फर्क आ जाता है कोई-कोई नस्ल तो अधिक दूध देती है और कोई कोई नस्ल कम दूध देती है गाय के शरीर आगे से पतला पीछे से चौड़ा भी होता है गाय के दो बड़े बड़े कान और धीमी चाल और अधिक तेज सुनने की शक्ति गाय के दो बड़ी आंखें होती हैं इनकी सहायता से यह 360 डिग्री तक देख सकती है गाय एक ऐसा पशु है जो अपने चारों पैरों के खतरों की सहायता से कठोर स्थल को भी पार कर सकती है गाय का एक मुमताज इसके ऊपर के चौड़ा नीचे से पतला इसे पूरे सर में छोटे बाल होते हैं गाय एक लंबी और छोटी सी पूंछ होती है इसकी शरीर पर लगी हुई मिट्टी को और मक्खियों को हिला कर हटा सकती है गाय के थन होती है जो कि उसके मुंह से सिर्फ पाए जाते हैं इसलिए लंबे वक्त तक जुगाली करने में माहिर होती है गाय के दो सिंग होते हैंपरंतु कुछ गाय की नस्लों में सिंग नहीं पाए जाते
गाय का खाना और इसकी देखभाल (Cow food and its care)
गाय को अच्छा भोजन साफ पानी देना जरूरी होता है इसे हरे घास से भोजन अनाज अन्य चीजें खाना खिलाना जरूरी होता है पहले खाना अच्छी तरह से चलाती है फिर दूसरों से पेट में निकलने लगती है दूध उत्पादन पढ़ने तथा उसके उत्पादन लगातार कम करने के लिए गाय को संतुलित आहार देना जरूरी होने लगा है या हो जरूरी होता है संतुलित आहार में गाय को आवश्यकतानुसार पोषक तत्व जरूर देना चाहिए वह सुस्वाद आसानी से पचने वाला और सस्ता दूं होता है उत्पादन बढ़ाने के लिए कम करने के लिए लागत व संतुलित आहार देना जरूरी हो गया है दूध उत्पादन में अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए पशु को 12 माह पर भर हरा चारा खिलाना जरूरी होता है इससे दाने का खर्चा भी करता है और गाय नियमित होने लगती है गाय के आवश्यक खनिज लवण नियमित रूप से देना चाहिए और चारा दाना पानी नियमित समय अनुसार दान करना चाहिए उसे हेरफेर घुमाना भी चाहिए। ज्यादातर गांव में गाय को पाला जाता है
गाय से प्राप्त होने वाले लाभ (benefits of cow)
गाय एक पालतू पशु है जो कि हमारे घर में पाले जाने वाला जानवर है यह सुबह शाम दूध देता है एक गाय एक समय में 5 से 10 लीटर तक दूध दे सकती है कुछ अलग अलग नस्ल गाय इससे अधिक भी दूध दे सकती है बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने से सलाह दी जाती है क्योंकि इस भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है वह गाय का दूध चंचलता बनाए रखने के लिए माना जाता है भैंस का बच्चा दूध पीने के बाद सोने लगता है और गाय का बच्चा दूध पीने का उछल कूद खेलता रहता है गाय का दूध पोस्ट होता है जो कि हमारे से बीमारी के लिए उपयोगी आ जाता है हमें मजबूत होती है यह हमें दूर रख सकती है दिमाग बहुत तेज होने लगती है हमारे लिए हैं गाय के दूध का उपयोग दूध भाई जी पनीर मक्खन आज बनाना करते हैं और इससे हम मिठाइयां बनाई जाती हैं गाय का मूत्र हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है उसको पवित्र माना जाता है गाय का मुद्रा के रूप में उपयोग किया जाता है यह हमारे जीवन में हमारे शरीर में उपस्थित बीमारियों को जड़ से खत्म करने में सहायक होता है गाय का गोबर फसलों के लिए उपयोगी होता है इस को सुखाकर ईंधन के रूप में भी काम लिया जा सकता है और गाय के गोबर को खेतों में डालने से हो जाती है जमीन उपजाऊ हो जाती है
आज के इस लेख में आपको gay per nibandh के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आप तक पहुचाने का प्रयास किया है आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते है और ऐसे ही हम आपको सभी प्रकार की जानकारी आप तक पहुचाहते रहेंगे