Gayatri Mantra Meaning in Hindi

गायत्री मंत्र शाब्दिक का अर्थ – Gayatri Mantra Meaning in Hindi

Gayatri Mantra Meaning in Hindi : दोस्तों आज हमने गायत्री मंत्र का अर्थ लिखा हे गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे मह्त्वपूण मंत्र माना जाता है.

गायत्री मंत्र से के रोजाना करने हमारे शरीर में एक नई ऊर्जा का विकास होता है , हमारे मस्तिस्क में बुरे विचारो का आना बंद हो जाता है| यह मंत्र आध्यात्मिक और बौद्धिक ज्ञान के विकास के लिए बहुत ही सजक कार्य करता है।

गायत्री को वेदों का सार माना जाता है। वेद का अर्थ है ज्ञान. धर्म ग्रंथों में गायत्री की महिमा कही गई। ऋषि-मुनि मन  से गायत्री का गुण-गान करते हैं। गायत्री मंत्र महामंत्र भी कहा जाता है। क्योकि गायत्री मंत्र को सबसे श्रेष्ठ मंत्रो में सबसे सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है इस मंत्र के जाप से लोगो को आनंद की अनुभूति होती है| इस मंत्र को करने के लिए एकाग्रता और ध्यान की आवश्कता होती है |

गायत्री मंत्र :-

ॐ भू र्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् ,

भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् |

👉 क्या आपने यह पोस्ट पढ़ी >  भक्ति में लीन कर देने वाली शायरियां

Contents

 Meaning of Gayatri Mantra In Hindi – गायत्री मंत्र का अर्थ

है प्रभु आप हमारे जीवन के दाता हो आप हमारे जीवन के दुःख सुख का निवारण करने वाले है आप हमें शुक शांति प्रदान करने वाले हो हे प्रभु हमें इतनी शक्ति दो की हम अपने उज्वल भविष्य की कामना करे और हमारी बुद्धि को सही रास्ता दिखाए |

आपके सिवा यहां और वर्णए क्या है, हे परमात्मा मैं आपकी संपूर्ण दिव्यताओ को धारण करते हुए जीवन यापन करना चाहता हूं। यही तो है ईश्वर की स्तुति, उपासना, प्रार्थना, भक्ति, आराधना, साधना, प्रेम है। हे परमात्मा मैं आप से यही प्रार्थना करता हूं की मैं मुझे सद्बुद्धि देना जिससे मैं सदैव शब्द मार्ग पर चलता रहूं।

Gayatri Mantra Meaning in Hindi 

गायत्री मंत्र हिंदी में अर्थ सहित

ॐ = का अर्थ है परमात्मा सभी प्राणियों में समाया हुआ है इसलिए निष्क्रम भाव से सभी के प्रति समर्पित होकर कर्म करो |

भू = का अर्थ है शरीर अस्थाई औजार मात्र है इस पर ज्याद आश्रित न होकर आत्मबल बढ़ाओ श्रेष्ठ मार्ग का अनुसरण करो |

र्भुवः= का अर्थ है कुसंस्कारो से जूझते रहने वाला मनुष्य देवत्व को प्राप्त करता है|

स्वः= का अर्थ है  विवेक द्वारा से सत्य को जानने सयम और त्याग की नीति का आचरण करने के लिए पेरणा देनी चाहिए |

तत= का अर्थ है वही  बुद्धिमान है जो जीवन और मरण के रहस्य को जनता हे | भय और अशक्ति से जीवन जीता है |

सवितुर= का अर्थ है  मनुष्य को सूर्य के सामान तेजस्वी होना चाहिए |

वरेण्यम् = का अर्थ है प्र्त्येक को श्रेष्ठ देकना, श्रेष्ठ चिन्तन करना, श्रेष्ठ विचारणा , श्रेष्ठ कार्य करना |

भर्गो= का अर्थ है मनुष्य को निष्पाप बनना चाहिए और पापो से सदैव सावधान रहना चाहिए |

देवस्य = का अर्थ है  देवताओ के सम्मान शुद्ध दृष्टि रखने से परमार्थ कर्म करने में मनुष्य के भीतर और बाहर देवलोक की सुस्ती होती है |

धीमहि = का अर्थ है  हम सब लोगो ह्रदय  में सब प्रकार की पवित्र शक्तियों को धारण करे ,इसके बिना मनुष्य को शुक शान्ति प्राप्त नहीं होती |

धियो=  का अर्थ है  बुद्धिमान को चाहिए की वह उचित-अनुचित का निर्णय तर्क विवेक और न्याय के आधार पर वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रकते हुए करे |

यो नः=  का अर्थ है हमारी जो भी शक्तिया एवं साधन है , उनके न्यून से न्यून भाग को ही अपन आवश्यकता के लिए ही प्रयोग में लाए , शेष भाव से असमर्थों में बाट  दे |

प्रचोदयात् = का अर्थ है  मनुष्य अपने आप को एवं दुसरो को सत्य मार्ग पर चलने के लिए पेरणा दे |

👉 क्या आपने यह पोस्ट पढ़ी > महाकाल पर शायरी हिंदी में

Benefits of Gayatri Mantra in Hindi – गायत्री मंत्र का महत्व

  •  गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से हमारा तन मन और मस्तिष्क पूरी तरह से शांत हो जाता है
  • इस मंत्र के जाप करने से गुस्से और क्रोध की भावनाए समाप्त हो जाती है |
  • प्रातः इस मंत्र का उच्चारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
  • किसी शत्रु से खतरा है तो गायत्री मन्त्र का जाप करें इससे सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं|
  • आध्यात्मिक शक्ति को और अधिक विकसित करने की क्षमता उत्पन्न होती है।
  • जिन व्यक्तियों के विवाह में देरी हो रही है ऐसे व्यक्ति सोमवार को पीले वस्त्र धारण करके महा गायत्री मन्त्र का जाप करें|
  • कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से इसका जाप करते है उनके व्यापर और नौकरी में लाभ होते है

गायत्री मंत्र की उत्पत्ति

वेद जननी गायत्री की उपासना सर्व प्रथम ब्रह्मा देव ने की थी सृष्टि निर्माण से पहले चरो और अंधकार और पानी था तभी विष्णु भगवान की नाभि से कमल नाग प्रकट हुआ उस कमल से ब्रह्मा देव प्रकट हुए, तब वह असमंजस म थे की वह कमल और पानी केसा है। बहुत साल तक जब तक सृष्टि का निर्माण नहीं हो गया तब तक ब्रह्मा देव ने गायत्री मन्त्र का जाप किया इस तरह गायत्री मन्त्र की उत्पति हुई।

अगर आपको हमारा Gayatri Mantra Meaning in Hindi अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ श्री करना न भूले और कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट करके जरूर बताये। धन्यवाद

Admin

Hello, My name is vishnu. I am a second-year college student who likes blogging. Please have a look at my latest blog on hindiscpe

View all posts by Admin →

Leave a Reply

Your email address will not be published.