Hindi Essay on Janmashtami हम सभी लोग जानते ही है की जन्मआष्ट्मी क्यों मनाई जाती है। इस दिन यह माना जाता है की श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था। जन्मआष्ट्मी का त्यौहार केवल भारत तक ही सिमित नहीं है।
यह विदेशो में रहने वाले भारतीयों के द्वारा भी काफी धूम धाम। से मनया जाता है। इस दिन सभी रात के 12 बजे तक जग कर श्री कृष जी के पैदा होने का इंतजार करते है। इसके दिन जो भी स्त्री या पुरुष उपवास रखते है वे रात 12 बजे के बाद। ही भोजन है।
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जन्मास्टमी आखिर मनाई क्यों जाती है (Hindi Essay on Janmashtami )
क्या आप सभी लोग यह जानते है की। जन्मआष्ट्मी आखिर मनाई क्यों जाती है कुछ लोग का मन्ना है। की इस दिन श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था। जो की काफी हद तक सही है इस दिन इनका जन्म। मथुरा के निवासी यसोदा मैय्या एवं नन्द बाबा के घर में हुआ था।
श्री कृष्ण यसोदा मैय्या एवं नन्द बाबा के 8 वी संतान थे। इससे पहले इनकी सात सन्तानो को यसोदा मैय्या के भाई। कंस मामा ने मार डाला था। कंस मामा निहायती हरामी आदमी था। और यह मथुरा नगरी का राजा भी था और यह काफी अत्याचारी भी था।
दिन पे दिन इसकी अत्याचारी बढ़ते ही जा रही थी। एक दिन एक आकाशवाणी हुई की कंस का वध उसकी बहन देवकी यानी यसोदा मैय्या का 8वा पुत्र करेगा। यह सुनते ही कंस ने उसकी बहन और उसके पति को एक काल कोठरी में बंद करवा दिया जब देवकी ने श्री कृष्ण को जन्म दिया दिया तब।
भगवन विष्णु ने वासुदेव को आदेश दिया की वे श्री कृष्ण को नन्द बाबा के पास मथुरा में पंहुचा दे। जंहा वह सुरक्षित रहेगा। बस इसी कारन जन्मआष्ट्मी का त्यौहार मनाया जाता है।
जन्मआष्ट्मी आखिर मनाई कब जाती है (janmashtmi)
आप सभी को यह लगता होगा की जन्मआष्ट्मी ऑगस्ट के महीने में मनाया जाता है। यह बात सत्य है की जन्मआष्ट्मी अगस्त के महीने में ही मनाया जाता है। लेकिन आपने कभी यह नोटिस किया है की यह रक्षाबंधन के बाद ही क्यों मनाया जाता है। basically यह रक्षाबंधन के 8 दिन बाद मनाया जाता है।
यह रक्षाबंधन के भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के अष्टमी में मनाई जाती है। और वास्तु के हिसाब से काफी सही माना गया है।
दही हांडी /मटकी फोड़ प्रतियोगिता
श्री कृष्ण के इस पावन अवसर पर कई सारे कार्यकर्म किये जाते है। कई लोग रात भर जागकर उनके लिए प्राथना करते है। तो कोई लोग रात में मंदिर जाकर इनकी पूजा करते है। जिससे उनके मन को काफी शांति मिल जाती है।
लेकिन इस दिन सबसे अच्छा जो चीज होता है वह दही हांडी का होता है। इसमें होता यह है की एक मटकी में काफी मात्रा में दही व कुछ पैसे। भरकर उसे काफी ऊँचा लटका दिया जाता है। इस प्रतियोगिता में जगह जगह के बाल गोपाल हिस्सा काफी बढ़ चढ़कर लेते है। और काफी बड़ी टीम बनाकर मटकी फोड़ने का प्रयास करते है।
जो भी टीम मटकी फोड़ने में सफल होती है उसे उचित इनाम दिया जाता है। यह प्रतियोगिता ज्यादातर महराष्ट्र,गुजरात एवं मथुरा यानी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। क्यूंकि श्री कृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश की पावन जमीं पर हुआ था। इसमें आप हमारा और भी ब्लॉग पढ़ सकते है न्यूज़ पेपर का हमारे जीवन में महत्व -Essay on Newspaper in hindi
जन्मआष्ट्मी मनाने की तैयारियां
जन्मआष्ट्मी का त्यौहार अपने देश काफी धूम धाम से मनाया जाता है। यह तो आप सब ऊपर पढ़ ही चुके है। यह क्यों एवं कब मनाया जाता है यह भी पढ़ चुके है। अब हम जानेंगे की यह त्यौहार मन्नने के लिए क्या क्या त्यारियां करनी पड़ती है।
तो इस दिन जो भी स्त्री या फिर पुरुष उपवास करता है तो हम पूरा दिन। इसकी तैयारिओं में ही लगा रहता है। तथा वह रात को करने वाले भोजन से लेकर क्या प्रसाद श्री कृष्ण को भोग लगाना है।
उसकी भी तैयारी कर लेता है। फिर जब 12 बजने वाले होते है तब वह एक थाली सजाते है। जिसके अंदर वे पूजा की साड़ी सामग्री के साथ साथ लगने वाले भोग को भी रखते है। उसमे एक खीरा भी रखा जाता है।
जो ठीक 12 काट दिया जाता है एक तरीके से उनका जन्मदिन खीरा काट कर मन्नाया जाता है। फिर जब उनका जन्म हो जाता है तब जो लोग उपवास रखे होते है। वे अपना उपवास खोलते है और कुछ खा लेते है। Hindi Essay on Janmashtami के बारे में हम पढ़ चुके है। अगर आपको अच्छा लगे तो पेज को फॉलो करना न भूले।