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Khamoshi Shayari in Hindi -ख़ामोशी शायरी हिंदी में
प्रिय पाठकों आज हम आपके समक्छ Khamoshi Shayari in Hindi शायरी लेकर आये हैं के माध्यम से हम आपको प्रेरित करना चाहते हैं कि जो पीछे छूट गया है। उसको छोड़कर आपको आगे बढ़ना है तथा आपको जीवन में कुछ कर गुजरना है ,इस ख़ामोशी को अपने जीवन का दुर्भाग्य नहीं अपितु सौभाग्य बनाकर दुनिया में मिसाल कायम करनी चाहिए।
Khamoshi Shayari Status Quotes Images in Hindi
Khamoshi Shayari in Hindi
आज के व्यस्त भरे जीवन में हर कोई अपनी समस्याओं से घिरा हुआ है। और हर ख़ामोशी के पीछे एक छुपी हुयी कहानी होती है। इस ख़ामोशी का दो असर होता है ,एक सकारात्मक असर और दूसरा नकारात्मक असर होता है। जब कोई व्यक्ति ख़ामोश होता है तो वो सारा समय अकेले खुद के साथ व्यतीत करता है।
जिसके मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं ,वो व्यक्ति सफलता की उचाईओं को छूता है ,और जिसके मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं ,वो टूट कर बिखर जाता है। ज़नाब सारा खेल आपके विचारों का होता है। तभी तो कहावत है कि
जैसा मन सोचे
,वैसा तन होये
मेरे पाठकों में आपसे बस इतना ही कहना चाहती हूँ , कि इस ख़ामोशी को अपना हथियार बनाएं यदि आप अपने विचारों को सकारात्मक तरीके से प्रयोग करेंगें तो यकीन मानें आप उचाईओं की बुलंदियों को छूएंगें ,जो व्यक्ति आपको छोड़कर चला गया है उसका क्या गम मानना ,
यदि वो आपका होता तो वो जाता नही,
और यदि वो गया तो आपका वो था नहीं ,
तो इसी मन्त्र को अपने जीवन में उतारें और अपने जीवन को बेहतरीन से बेहतरीन बनायें ताकि उस जाने वाले को भी ये अहसास हो कि किस हिरे को छोड़ा और आप को खोने का उसको हो पछतावा।
जब कोई अपना प्यारा जिसके बिना ज़िंदगी जीने का कोई मकसद नहीं रह जाता तब इंसान पूरी तरह से टूट जाता है ,और खुद एकांत में करके खामोश कर देता है इस पोस्ट के माध्यम से और आपको समझकर हम आपके सामने कई बेहतरीन शायरी आपके समक्छ लेकर उपस्तिथ हुए हैं . आदि दिए हुए हैं इन्हें अवश्य पढ़ें।
ख़ामोशी शायरी हिंदी में – Khamoshi Vali Shayari
फ़िज़ा थी खामोश न था कोई साया ,तुमने मुझे क्यूँ नही बुलाया ,
किसी हुस्न ने छीन ली हमसे हमारी मुहब्बत ,हमने तो किसी का न था दिल दुखाया
ख़ामोशी वाली शायरी – Khamoshi Wali Shayari in Hindi
हम हुए इस तरह खामोश ,हम खुद नही समझ पाते
तुम दूर हो कि पास देख नही पाते , इस बात का करते न है गिला अब ,
बस रखते हैं खुद को खामोश , काश ये तुम देख पाते और समझ पाते कि क्यूं हो गए हम खामोश .
Khamoshi Wali shayari in Hindi
चुभती हर बात मुझे भी तीर की तरह ,
लेकिन ख़ामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह ,
कभी सोचा भी है कि कैसा हूँ बिन तेरे ,
फिर भी तो ज़िन्दा हूँ लाश की तरह बिन तेरे ,
किसी की ख़ामोशी की शायरी – Khamosh Dil ki Shayari
तेरी खामोश निगाहें ढूंढ ही लेती हैं फ़साना ,
बड़ी शातिर हैं तेरी अदाएं ढूंढ ही लेती हैं बहाना ,
हम भी ज़िद किये हैं कि रहें तुझसे दूर ,
पर तेरी यादें रहने न देती तुझसे दूर ,
खामोश दिल की शायरी – Khamosh Dil ki Shayari
खामोश दिल बेचैन है कुछ ऐसे तेरे प्यार में ,
इस दिल से तुझे कैसे बताएं कि हैं हम तेरे प्यार में ,
शाम सुबह बस सोचते हैं तुझे ,
कि कैसे खामोश दिल से बताएं कि हां हैं हम तेरे प्यार में ,
कुछ वक्त की ख़ामोशी है शायरी – Kuchh vakt ki khamoshi hai Shayari
कोई ख्याल जब दिल से टकराता है ,
दिल चाह कर भी खामोश रह जाता है ,
कोई हाले दिल बयां करके प्यार जताता है ,
कोई चुप रह कर बहुत कुछ बयां कर जाता है ,
दोस्ती की ख़ामोशी शायरी – Dosti ki Khamoshi Shayari
एहसास कहते हैं कि खामोश हो जाऊं मैं ,
पर दर्द की जिद्द है कि टूट के बिखर जाऊं मैं ,
महफ़िल में हैं तेरे साथ हम ,पर क्यूं खड़े हैं तन्हा हम ,
तुम क्यूं नही समझ पाते कि कोई दूर होकर भी है पास ,
और कोई करीब होकर भी है नही पास ,
रिश्तों की ख़ामोशी पर शायरी – Riston ki Khamoshi par Shayari
कोई ज़बरदस्ती नही हो सकती रिश्तों में ,
अगर तुम खुश हो तो मुक्कमल है मेरा इश्क़ ,
अगर हम करें ज़िद्द तो पा लेंगें तुम्हें ,
तब होगा नही मुक्कमल मेरा इश्क़ ,
रिश्तों पर ख़ामोशी की शायरी – Rishton par Khamoshi ki Shayari
कितनी ख़ामोशी होती है शाम के अँधेरे में ,
पूछ उन परिंदों से जिनका कोई घरोंदा नही होता ,
बेज़ार होती है उनकी ज़िंदगी ,
जिनका कोई बाग़बान नही होता ,
ज़ज्बात पर ख़ामोशी की शायरी – Jazbat par Khamoshi ki Shayari
यदि जलेगा ज़िस्म तो रूह भी ख़ामोशी से जलेगी ,
कुरेदते हो जो अब राख ज़ुस्तज़ू बचेगी ,
जब रूह को ही मार दीजियेगा ,
तब ज़िस्म का क्या कीजियेगा ,
प्रेम में ख़ामोशी की शायरी
ख़ामोशी में तेरी यादें मात्र एक सहारा होता ,
तुम नही न सही हर पल ज़िक्र तुम्हारा होता ,
ख़ामोशी अक्सर मुझसे बात करती है ,
पता तेरा हर बार मुझसे पूछती है ,
मेरा भी बस एक जवाब होता ,
कि तु होता मेरे पास ,तो ख़ामोशी क्यूँ होती मेरे आस -पास
,
अंतिम शब्द
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