lata mangeshkar biograp

Lata Mangeshkar Biography in Hindi

प्रिय पाठकों आज हम आपके लिए Lata Mangeshkar Biography in  Hindi – नामक लेख लेकर प्रस्तुत हुए हैं। लता जी के बारे में कुछ भी लिखना मतलब सूरज को दिया दिखाने जैसा होगा। लता जी को स्वर कोकिला के नाम से भी जाना जाता था।

Contents

 Lata Mangeshkar Biography in Hindi –

  • यदि हम ज़हन में संगीत का ख्याल लाएं तो सबसे पहला नाम लता मंगेशकर का नाम आता है।
  • लता मंगेशकर भारत की सबसे प्रतष्ठित पार्श्वगायिकाओं में से सबसे सर्वश्रेश्ठ शिखर पर थीं।
  • उन्होंने अपने संगीतमय जीवनकाल में कई बेहतरीन फ़िल्मी तथा गैरफिल्मी मधुर तथा यादगार गीत गाये।
  • आज भी वे गीत दिल को छू लेते हैं। मैं तो उनकी बहुत बड़ी प्रशंशक हूँ।
  • मैं क्या दुनिया  का हर वृद्ध और हर जवान उनका दीवाना होगा। दुनिया भर में कई करोड़ लोग हैं जो उनको माँ सरस्वती का अवतार मानते हैं तथा उनको पूजते हैं।
  • मैं अपने आपको काफी धन्य मानती हूँ कि उनके लिए कुछ स्वर्णमय शब्द लिख पा रही हूँ।
  • लता जी ने मुख्यतः हिंदी ,बंगाली और मराठी भाषा में हजारो मधुर एवं दिल को छू लेने वाले गीत गाये।
  • इन्होने अपने करियर में 36 भाषाओं से ज्यादा भाषाओं  में गीत गा चुकी हैं। जो की अपने में ही एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।  Lata Mangeshkar Biography in Hindi  इस लेख के माध्यम से कुछ इनके जीवन पर प्रकाश डालते हैं।

विकिपीडिया –

वास्तविक नाम (Real Name) लता मंगेशकर
बचपन का नाम हेमा
उपनाम (Nick Name) बॉलीवुड की नाइटिंगेल
व्यवसाय भारतीय पार्श्व गायिका

 व्यक्तिगत जीवन

जन्मतिथि (Date of Birth) 28 सितंबर 1929
आयु 92 वर्ष
मृत्यु 06 फरवरी 2022 (रविवार)
जन्मस्थान (Birth Place)  लता मंगेशका जी का जन्म इंदौर राज्य, मध्य भारत, ब्रिटिश भारत में हुआ था।
राशि तुला
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर मुंबई, भारत
शैक्षिक योग्यता ज्ञात नहीं

शारीरिक संरचना

लम्बाई (लगभग) से० मी०- 155
मी०- 1.55
फीट इन्च- 5′ 1”
वजन/भार (Weight) 65 कि० ग्रा० (लगभग)
बालों का रंग सफेद और काला
आँखों का रंग काला

संगीतकार के रूप में करियर

डेब्यू पार्श्व गायिका (फिल्म)–लता जी ने अपना संगीत का करियर  ‘माता, एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ (‘गजाभाऊ मराठी, 1943) में किया था।
संगीत शिक्षक
  • दीनानाथ मंगेशकर (पिता)
  • उस्ताद अमानत अली खान
  • गुलाम हैदर
  • अमानत खान देवस्वाले
  • पंडित तुलसीदास शर्मा
परिवार (Family Info)
  • पिता – दीनानाथ मंगेशकर
  • माता – शेवंती मंगेशकर
  • भाई – हृदयनाथ मंगेशकर
  • बहन– उषा मंगेशकर, आशा भोसले, मीना खडीकर
धर्म (Religious) हिन्दू
जातीयता महाराष्ट्रीयन
शौक/अभिरुचि क्रिकेट देखना, साइकिल चलाना

 उनके प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां

वैवाहिक स्थिति अविवाहित
बॉयफ्रैंड्स एवं अन्य मामले भुपेन हजारिका (गीतकार)
पति लागू नहीं
बच्चे कोई नहीं

 नेटवर्थ : उनकी  धन/संपत्ति

कार संग्रह  उनके कार संग्रह में उपस्तिथ कारें मुख्य -मर्सिडीज बेंज, शेवरले, ब्यूक और एक क्रिसलर गाड़ी
नेटवर्थ (लगभग 2022) 50 मिलियन डॉलर या INR 368 करोड़ रुपये

पसंदीदा चीजें

 भोजन ‎मसालेदार भोजन
 राजनीतिज्ञ अटल बिहारी वाजपेयी
अभिनेता लता जी के पसंदीदा अभिनेता थे -दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, देव आनंद
 अभिनेत्री नरगिस, मीना कुमारी
 फिल्में उनकी पसंदीदा फ़िल्में थीं -किस्मत (1943), जेम्स बॉण्ड की फिल्में
 संगीत निर्देशक गुलाम हैदर, मदन मोहन, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, ए आर रहमान
 स्थान लॉस एंजेलिस
पेय-पदार्थ कोका-कोला
खेल क्रिकेट
 क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर

लता क्यों नही स्कूल गयीं ?

  •  बचपन से ही इनको  संगीत में काफी रुझान था।  उनको अपने घर में संगीत का पूरा वातावरण प्राप्त हुआ।
  • जिससे उनका रुझान संगीत की तरफ बचपन से ही हो गया था। जब वे 5 वर्ष की थीं तभी से उनके पिता उनको संगीत की शिक्षा देने लगे थे। वे अपने माता -पिता की सबसे बड़ी संतान थीं।
  • वे अपने पिता के नाटकों में अभिनय भी किया करती थीं।
  • लता को स्कूल भी भेजा गया था। पर पहले दिन ही उनके टीचर से उनकी अनबन होने के कारणवश उनका स्कूल अधूरा रह गया था।
  • हुआ ये था की वे अपने साथ अपनी छोटी बहन आशा को भी स्कूल ले जाती थीं।
  • किन्तु आशा के छोटे होने के कारणवश टीचर ने उनको एक साथ क्लास में बैठने की अनुमति नही दी। जिस कारणवश लता ने भी स्कूल न जाने का फैसला किया।

 एक पार्श्वगायिका के रूप में लता मंगेशकर जी की पहचान कैसे बानी ?-

  • लता जी को पार्श्वगायिका के रूप में पहचान दिलाने वाले इनके गुरू उस्ताद गुलाम हैदर थे।
  • गुलाम हैदर जी ने इनको संगीत के क्षेत्र में एक अलग ही पहचान दिलाई क्योंकि लोगों का यह मानना था। कि लता जी की आवाज बहुत पतली है और यह पार्श्वगायिका बनने के लायक नहीं है।
  • तब लता जी के गुरू गुलाम हैदर जी  ने यह बात साबित करने की जिम्मेदारी ली कि भविष्य में लता जी  को एक सफल और प्रसिद्ध पार्श्वगायिका बनना है।
  •   और यह बात सिद्ध  भी लता जी ने अपने म्हणत और लगन से कर दी।
  • लता जी के आदरणीय गुरु उस्ताद गुलाम हैदर जी  ने कई निर्माता-निर्देशको से लता जी की भेंट करवाई लेकिन इसकेबाद भी सफलता उनके हाथ नहीं लग पाई।
  • तभी उस टाइम उनकी मुलाकात 1948 में गुलाम हैदर साहब से हुयी। जिन्होंने  एक फिल्म “मजबूर“ में एक गाना गवाया जो कि “दिल मेरा तोड़ा“ था।

यह गाना लता जी की जिन्दगी का पहला हिट गाना था और इस प्रकार गुलाम हैदर साहब जी लता जी के गॉड फादर माने गये। इसके बाद 1949 फिल्म “महल“ में एक गाना “आयेगा आने वाला“ गाया जो कि सुपर डुपर हिट हुआ। इस गाने के बाद लता जी ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। यह गाना आज भी लोगों की जुबान पर सुना जाता है।

लता मंगेशकर का स्वर्णिम युग कब बना ?

  • वैसे तो इस बात पर कभी कोई शक नहीं किया जा सकता है।
  • की उन्होंने कई बेहतरीन गाने गए। उसके साथ साथ अगर कहा जायें तो लता जी ने हमेशा सदाबहार गाने गाए जिसको लोग आज भी सुनकर मनमोहित हो जाते है।
  • लता जी ने अपने जीवन का  पूरा समय गीत-संगीत को समर्पित कर दिया।
  • उन्होनें लगभग 20 भाषाओं में 30,000 गानों को अपने सुरों से नवाजा जिसके लोग आज भी कायल है।
  • लता जी की आवाज में वो ख़लिश है जो कभी बचपन की यादें, तो कभी आखों में आंसू और कभी सीमा पर खड़े जवानों में जोश भरने के लिए काफी है।
  • लता जी को फिल्मों में पार्श्वगायिका के रूप में कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है।
  • आईये हम उनके आगामी दशक के ऊपर प्रकाश डालते हैं

पचास का दशक उनके लिए कैसा था ?:

  • लता जी बेहतरीन गायिका थीं।
  • जिसके कारण उन्होंने  पचास के दशक में  महान संगीतकारों के साथ काम किया था ।
  • जिसमें अनिल बिस्वास, एस डी बर्मन, जय किशन, मदनमोहन और नौशाद अली जैसे महँ दिग्गज संगीतकार  शामिल थे।
  • इन्होने नौशाद अली के लिए बैजू बावरा, कोहिनूर और मुगल-ए-आजम फिल्मों में बेहतरीन और सदाबहार गानें गायें।
  • इसके अलावा लता जी ने एस डी बर्मन के लिए फिल्म साजा, देवदास और हाउस न0 420 के लिए गाना गाया। लता जी एस डी बर्मन की पसंदीदा पार्श्वगायिका थी।

शंकर-जयकिशन के लिए लता जी ने फिल्म आह, श्री 420 और चोरी-चोरी के लिए बेहतरीन गानें गायें। यह सारी फिल्में पचास के दशक में प्रदर्शित हुई थी।

साठ का दशक उनके लिए कैसा था ?

लता जी ने साठ के दशक में कई सदाबहार गीत हमारे लिए  गाये जो इस प्रकार है। सुनो सजना पपीहे ने, न जाने तुम कहाँ थे, महबूब मेरे महबूब मेरे, हमने देखी है इन आँखों की, वो शाम कुछ अजीब थी, आया सावन झूमके जैसे गानें गायें। किशोर दा के साथ लता जी ने एक सुपरहिट गाने  गाये थे।

जो आज भी लोंगों को मंत्र मुग्ध कर देते हैं। उस टाइम का सबसे मधुर  गाना है होठों पे ऐसी बात और इसके अतिरिक्त  आज फिर जीने की तमन्ना है, गाता रहे मेरा दिल आदि गानें किशोर दा के ही थे।  जिसको लता जी ने अपनी सुरीली आवाज में गाकर अमर कर दिया। जो आज भी हमें थिरकने पर मजबूर कर देते हैं।

सत्तर एवं अस्सी का दशक उनके लिए कैसा रहा ?

  •  जो गाने गाये इन्होने सत्तर और अस्सी के दशक में वह इस प्रकार से  है। गुम है किसी के प्यार में (रामपुर का लक्ष्मण), वादा करो नहीं छोड़ोगे तुम मेरा साथ (आ गले लग जा),  कजरा लगा के बिन्दिया सजा के.
    तू चन्दा मैं चाँदनी, तू तरुवर मैं शाख रे…रैना बीती जाये श्याम न आये…  जाते हो जाने जाना (परवरिश), आज फिर तुम पे प्यार आया (दयावान), तुमसे मिलकर ना जाने क्यों (प्यार झुकता नहीं), जब हम जवां होगें (बेताब) जैसी फिल्मों में गाना गाया जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिलें।
  • इन दशकों में लता जी ने लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, मदनमोहन, सलील चौधरी और हेमन्त कुमार जैसे महान संगीतकारों के साथ काम किया।
नब्बे व अब तक का  लता जी का सफर :

इन्होने नब्बे के दशक में ने कई सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों के साथ काम किया। अस्सी के दशक में इन्होने कई बेहतरीन संगीतकारों के साथ बेहतरीन काम किया जिनके नाम इस प्रकार से हैं- शिवहरि, अनु मलिक, आनंद मिलिंद, जैसे संगीतकारों ने भी लता जी के साथ काम करना पसंद किया।

लता जी ने फिल्म वीर जारा (2004) में गाने के बाद गाने से संयास ले लिया। लता जी ने मधुबाला से माधुरी दीक्षित जैसी अभिनेत्रियों को अपनी आवाज दी।

लता मंगेशकर जी ने बिना शादी के जीवन जीना क्यों कबूल किया  ?

इन्होने अपनी  पूरी जिन्दगी बिना  शादी के ही बिता दिया। क्योंकि छोटी सी उम्र में जिम्मेदारियां आने के कारण दुनियादारी में इतनी उलझ के रह गयी कि उन्होनें कभी शादी के बारें में सोचा ही नहीं। । संगीतकार सी0 रामचंद्र जी ने लता जी को शादी का प्रस्ताव दिया था परन्तु लता जी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

स्वर कोकिला  के अनगिनत अवार्ड्स (पुरस्कार) –

लता जी ने अपने संगीतमय  जिन्दगी में कई प्रतिष्ठित  पुरस्कारों को जीता और साथ ही अपने फ़िल्मी करियर में  कई सम्मान भी प्राप्त हुए। जब 1970 को  फिल्मफेअर अवार्ड हुआ तो उस शो में लता जी ने यह कह दिया था कि वह सर्वश्रेश्ठ गायिका का पुरस्कार अब नहीं लेंगी।

उनका कहना था की  मेरी जगह नये गायकों को यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए। आओ अब जाने लता जी कब और कौन-कौन से पुरस्कार और सम्मान मिलें। सबसे पहले हम लता जी को  भारत सरकार द्वारा दिए गए अवार्ड्स के बारे में प्रकाश डालते हैं –

 भारत सरकार पुरस्कार

  • सन्न  1969 में, लता जी को  भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया।
  • वर्ष 1989 में, दूसरी बार फिर से इनको  भारत सरकार ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • साल 1999 में, लता जी को देश के सर्वश्रेष्ठ पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था ।
  •  भारत रत्न वर्ष 2001 में,  से सम्मानित (भारत देश का सर्वश्रेष्ठ सम्मान)।
  • 2008 वर्ष में भारत देश  की आजादी,हमारे के 60वीं वर्षगांठ यादगार  के रूप में “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से लता मंगेशकर जी को सम्मानित किया गया।

 प्राप्त किये गए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार –

  • वर्ष 1972 में, लता मंगेशकर जी को फ़िल्म परिचय के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
  • इनको  वर्ष 1974 में,को फ़िल्म “कोरा कागाज़” में गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका अवार्ड प्राप्त हुआ ।
  • , फ़िल्म लेकिन के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका  का पुरस्कार वर्ष 1990 में मिला।

लता जी को सम्मानित किये हुए फिल्मफेयर पुरस्कार –

  • सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का अवार्डवर्ष 1959 में, – गीत “आजा रे परदेसी” (मधुमती) के लिए।
  • वर्ष 1963 में, लता जी को सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका पुरस्कार, यह अवार्ड गीत “कहीं दीप जले कहीं  दिल” (बीस साल बाद) के लिए इनको दिया गया था। ।
  • इनको वर्ष 1966 में,  सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिकातथा गीत के बोल इस प्रकार से थे “तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा” (ख़ानदान) के लिए।
  • इनको सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका वर्ष 1970 में,  गीत “आप मुझे अच्छे लगने लगे” (जीने की राह) के लिए इनको सम्मानित किया गया था ।
  • वर्ष 1994 में,उनको अपना पूरा जीवन हिंदी सिनेमा को देने के लिए  फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • लता जी को वर्ष 1995 में, फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार गीत “दीदी तेरा देवर दिवाना” (फिल्म: हम आपके हैं कौन) माधुरी दीक्षित तथा सलमान खान के ऊपर पिक्चरित फिल्म के लिए सम्मानित किया गया था। जो आज भी काफी धूम मचता है।

महाराष्ट्र राज्य फिल्म द्वारा पुरस्कृत किये हुए सम्मान –

मराठी फिल्मों के कई मधुर गीतों के लिए इनको पुरुस्कृत किया गया है जो इस प्रकार से हैं –

  • वर्ष 1966 में,लता जी को  सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका अवार्ड, फिल्म “साधी माणसं” के लिए दिया गया जो आज भी काफी प्रसिद्ध गीत है ।
  • स्वर कोकिला कहलाने वाली लता जी को वर्ष 1977 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार, फिल्म “जैत रे जैत” के लिए मिला।
  •  महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से लता दीदी को सम्मानित किया गया था वर्ष 1997 में।
  • , लता जी को अपना बहुमूल्य समय मराठी सिनेमा को देने के लिए महाराष्ट्र रत्न (प्रथम प्राप्तकर्ता) से सम्मानित किया गया वर्ष 2001 में।

इसके अलावा भी लता जी को कई ढेर सरे पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी के  द्वारा गाया देश भक्ति और प्रेम से जुड़े गीत  का  यादगार किस्सा –

  •   एक सर्वश्रेष्ठ गायिका थीं लता जी अपने में इतनी ।
  • की उन्होंने हमेशा अपनी शर्तों पर ही गीतों का चयन किया ।
  • उनका मानना था कि रिकार्डिंग की पेमेण्ट के बाद भी जब तक वह रिकार्ड बिक रहा है।
  • उसकी कमाई का एक छोटा सा हिस्सा गायक को भी आना चाहिए।
  • जबकि हर प्रोड्यूसर इसके खिलाफ थे।
  • जिस समय देश का मनोबल नीचे था तब देश को एक ऐसे ही जज्बे की तलाश थी जो कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से रण को एक कर सके और साथ ही आसमान में तिरंगे को लहराता देख कर गर्व महसूस कर सके।
  • ऐसे में राष्ट्र कवि प्रदीप जी ने के लिखे हुए शब्द “ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी, जो शहीद हुए है उनकी, जरा याद करो कुर्बानी” इन शब्दों को लता जी ने अपनी मधुर एवं सुरीली आवाज दी थी।
  • जिससे यह गाना हमेशा  के लिए अमर हो गया। इस गीत को लता दीदी ने पहली बार 27 जनवरी, 1963 को दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में गाया था।

Lata Mangeshkar’s  Health –

  • उनके स्वास्थ  के बार में प्रकाश डाले  तो हाल ही में इनको 08 जनवरी 2022 में सांस लेने की तकलीफ हुयी थी।
  • और कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण उनको हॉस्पिटल में भर्ती  कराया गया था।

और अब लता जी के सेहत में धीरे- धीरे सुधर आ रहा है। उनको वेंटिलेटर से हटा दिया गया है, परन्तु अभी वो आईसीयू में है। हम भगवान से यहीं दुआ करेंगे की वो जल्द से जल्द ठीक होकर अपने घर लोटे।

06 फरवरी 2022 Update –
  • दोस्तों आज बेहद दुःखद समाचार है 92 साल की उम्र में लता जी का निधन हो गया है।
  • लता जी ने 06 फरवरी 2022 रविवार की सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सास ली।
  • दोपहर 12 बजे से 03 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को पेडर रोड पर स्थित उनके घर में रखा गया था ।
  • उसके बाद शाम 04:30 बजे लता मंगेशकर जी के पार्थिव शरीर को मुंबई के शिवजी पार्क ले गया था और
  • उनको अंतिम विदाई दी गयी थी ।
  • लता जी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया था।
  • और हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी उनको भाव पूर्ण श्रद्धाजलि दी ।
लता मंगेशकर से जुड़े कुछ  विवाद –
  • वैसे तो लता जी का जीवन साधारण और सीधा नजर आता है।
  • लेकिन समय के साथ- साथ इनके जीवन से भी कुछ विवाद जुड़े है। जिनकी जानकारी इस प्रकार है:
मोहम्मद रफ़ी के साथ हुए उनके रॉयल्टी विवाद 
  • लता मंगेशकर और गायक  मोहम्मद रफी के बीच कुछ रॉयल्टी के मुद्दे पर मतभेद हुए थे।
  • जिसका मुख्य  कारण था की क्योंकि लता मंगेशकर  संगीत एलबम में हिस्सा लेना चाहती थीं, जबकि रफी वेतन के लिए गीत गाना गाते चाहते थे।
एस. डी. बर्मन के साथ हुए विवाद –
  • उन दिनों में एक बार लता मंगेशकर और  संगीतकार एस. डी. बर्मन के बीच कुछ मतभेद उत्पन्न हुए।
  • और इस विवाद के बाद उन दोनों ने  7 वर्ष तक एक-दूसरे के साथ काम करने से इनकार कर दिया।

बहन आशा भोसले से हुए कुछ विवाद –

  • इनके  पिता दीनानाथ मंगेशकर जी की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी बड़ी बहन लता मंगेशकर पर आ गयी।
  • इनको लगता था की उनकी छोटी बहन आशा भोंसले भी परिवार को चलने में  कुछ मदद करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
  • दूसरी और 16 वर्ष की आयु में आशा भोंसले द्वारा गणपतराव भोंसले के साथ उनके प्रेम था।
  • जो उनसे उम्र में दोगुने थे और उस वक्त गणपतराव लता जी के सेक्टरी हुआ करते  थे।
  • इस वजह से लता जी अपनी बहन आशा भोंसले से नाराज हो गयी थीं। और दोनों बहनों के बीच दूरियां बढ़ गयी।
  • परन्तु समय के साथ-साथ अब दोनों बहनों में कई बातों में परिवर्तन आने से अच्छी बनती थी ।
आखरी शब्द –

प्रिय पाठकों आज हम आपके लिए  Lata Mangeshkar Biography in Hindi – नामक लेख लेकर प्रस्तुत हुए हैं।हम आशा करते हैं की आपको ये लेख पसंद आया होगा।  तो कृपा करके इस लेख को लाइक  और शेयर अवश्य करें। धन्यवाद

 

शिल्पी पांडेय

मैं एक लेखक और कवी हूँ। मैं मूलतः कानपूर उत्तरप्रदेश की निवासी हूँ। मैं ने अपनी वेबसाइट www .hindiscope .com के माध्यम से अपनी स्वरचित रचनाएँ आपके समक्छ रखने का प्रयास किया है।

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