मुनि शब्द (Muni Shabd Roop) यह अकारान्त शब्द है जिन शब्दों के अंत में एक ही ध्वनि सुनाई देती हो और वह शब्द अकारांत शब्द कहलाते हैं जैसे कि मुनि हरि ,रवि सारथी इन शब्दों के अंत में ईश्वर है शब्दों में पुल्लिंग स्त्रीलिंग नपुंसकलिंग पाए जाते हैं शब्दों के उदाहरण के लिए मुनि शब्द का प्रयोग करेंगे जो कि इस प्रकार से अन्य पौधों को आसानी से बना सकते हैं
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | मुनिः | मुनी | मुनयः |
द्वितीया | मुनिम् | मुनी | मुनीन् |
तृतीया | मुनिना | मुनिभ्याम् | मुनिभिः |
चतुर्थी | मुनये | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः |
पंचमी | मुनेः | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः |
षष्ठी | मुनेः | मुन्योः | मुनीनाम् |
सप्तमी | मुनौ | मुन्योः | मुनिषु |
सम्बोधन | हे मुने! | हे मुनी! | हे मुनयः! |
सामान्यत सभी अकारांत पुल्लिंग शब्द इसी तरह से बनेंगे लेकिन कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें मैंने तो णत्वविधान लागू होता है जैसे कि हरि शब्द रवि ऋषि शब्द ऐसे शब्द है जिनके अभ्यास करने के लिए हमें बहुत ही कड़ी मेहनत करनी होती है
अब हम मुनि शब्द (Muni Shabd Roop) को अच्छे से समझाने के लिए इनका उपयोग हम वाक्य बनाकर आपको समझाएंगे कि इनका हम वाक्य में कैसे प्रयोग करते हैं और वाक्य का अर्थ कैसे निकलता है
Contents
प्रथमा
- मुनिः यज्ञं करोति।
मुनि यज्ञ करता है।
द्वितीया
- राजा मुनिं प्रणमति।
राजा मुनि को प्रणाम करता है।
तृतीया
- मुनिना यज्ञः क्रियते।
मुनि के द्वारा यज्ञ किया जाता है।
चतुर्थी
- राजा मुनये धेनुं ददाति।
राजा मुनि को गाय देता है।
पञ्चमी
- राजा मुनेः ज्ञानं गृह्णाति।
राजा मुनि से ज्ञान लेता है।
षष्ठी
- एषः मुनेः आश्रमः अस्ति।
यह मुनि का आश्रम है।
सप्तमी
- राजा मुनौ विश्वसिति।
राजा मुनि पर विश्वास करता है।
संबोधनम्
- हे मुने! यज्ञं करोतु।
हे मुनि! यज्ञ करो।
आज के इस लेख में आपको Muni Shabd Roop के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आप तक पहुचाने का प्रयास किया है अनेक शब्दों के शब्द रूप जाने के लिए नीचे दिए गए। हमने अनेक शब्दों के शब्द रूपों को अच्छे से आपको समझाया है अगर आपको यह समझ में आता है तो हमारे ब्लॉक पर हमेशा पढ़ने के लिए आवे और हमें कमेंट में जरूर बताएं हमने शब्द रूप के हर एक शब्द को अच्छे से सारणी में समझाया है जैसे – Guru Shabd Roop , Kavi Shabd Roop ,Lata Shabd , आदि है