Paryayvachi Shabd दोस्तों आज हमने पर्यावाची शब्दलिखे है जिन शब्दों के अर्थ सामान होते है उन्हें पर्यावाची शब्द कहते है | अर्थात पर्यावाची शब्दों के अर्थ में समानता होती है परन्तु प्रतेक शब्द की अपनी एक विशेषता होती है |
छात्रों के लिए पर्यावाची शब्द सीखना बहुत ही जरुरी है इससे उनकी बुद्धि भी प्रबल होती है और भाषा का ज्ञान भी तेज होता है|
Paryayvachi Shabd Hindi Mein
- वृक्ष – तरु , पादप , पेड़ , अगम , बूटा, विटप ,द्रुम |
- कमल – जलज , सरोज , अब्ज पंकज ,तामरस , नलिन, सरसिज , अम्बुज , सथदल|
- आग – जातवेद , रात्रि, निशा, निशि, वायुसखा, तमा, रजनी, रैन, राका, अमाँ, अमावस्या, दहन , पावक , अनल|
- आशय – सारांश , अर्थ , अभिप्राय , तातपर्य , मतलब |
- फल – परिणाम, नतीजा, अंजाम
- सुन्दर – चारु ,रम्य, रुचि, ललाम, सुहावना, उत्कृष्ट , ललित , रम्य , रमणीक , मनोहर , मंजुल, शोभनीय, मोहक, आकर्षक |
- यमुना – कृष्णा, सूर्यसुता , अर्कजा , सूर्यतन्या , कालिन्दी ,
- हाथ – हस्त , कर, बाहु , पाणी
- अध्यापक – गुरु, आचार्य, शिक्षक, प्रवक्ता, उपाध्याय।
- जीभ – जिहवा , रसना रसज्ञा , रसिका , चंचला |
- इन्द्र – महेन्द्र, देवराज, देवेश, सुरपति, शचिपति, वासव, पुरन्दर, सुरेन्द्र, सुरेश, देवेन्द्र, मघवा, शक्र|
- लहर – तरंग , वीचि, हिलोर , उर्मि |
- चांदनी – चंद्रताप , कौमुदी , ज्योत्स्ना , चन्द्रिका , चन्द्रकला , चांदनी , अमृततरंगिणी |
- सरस्वती – भारती , वीणापाणी , महास्वेता , वागीश , शारदा , निधात्री , ब्राहमी , गिरा , वागेशवरी , महाभद्रा, ज्ञानमुद्रा, महाविद्या, श्रीप्रदा
- कोयल – कोकिला, पिक, परभूत, काकपाली, काकली, बसंतदूत, श्यामा, वनप्रिय
- कृष्ण – श्याम, कन्हैया, वासुदेव, मोहन, राधास्वामी,गोपाल, गोपीवल्लभ, विश्वंभर, नटवर, गिरधारी, चतुर्भुज, नारायण, जनार्दन
- देवता – देव , अमर , सुर , निर्जर , त्रिदस , अमर्त्य , अजर।
- सत्रु – अरि, रिपु, दुश्मन, विपक्षी, अमित्र, वैरी, अराति, प्रतिपक्षी
- कृषक – किसान, हलवाहा, भूमिसुत, खेतिहर, कृषिजीवी, हलधर, अन्नदाता, भूमिपुत्र।
- एकता – एका, सहमति, एकत्व, मेल–जोल, समानता, एकरूपता, एकसूत्रता, ऐक्य, अभिन्नता।
- शिव – महेश , महादेव , रूद्र , शम्भू, उमापति , शंकर , आसुतोष , मदनारी , त्रिपुरारि , चंद्रमौलि |
- बगीचा – वाटिका , उपवन , उद्यान , बाग़ , फुलवारी , आराम , निकुंज |
- लक्ष्मी – रमा, मंगला, कमला, अमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, अंबुजासना, श्री, इंदिरा, चंचला, नारायणी, जगन्मयी, भार्गवी, विष्णुप्रिया, श्रिया|
- नारी– इस्त्री, महिला, कांता, रमणी, अंगना, वनिता।
- घोडा – तुरंग , अशव , गोटक , सैधव , रविसृत , हय , दधिका, रविपुत्र,बाजि, वाजि|
- इच्छा – लालसा, वांछा, लिप्सा, काम, चाव , अभिलाषा, आकांक्षा, कामना, चाह, ईप्सा, मनोरथ, ईहा, स्पृहा
- कलश – घट, घड़ा, गागर, गगरी, मटका, घटिका, कुंभ, कुट।
- मछली – मतस्य , मीन , सफरी , जलोतरी , जलजीवन |
- सूर्य – मार्तण्ड सविता, भानु , आदित्य , भास्कर |
- उद्यम – साहस, उद्योग, परिश्रम, व्यवसाय, धंधा, कार्य, व्यापार, कर्म, क्रिया।
- कृषक– किसान, हलवाहा, भूमिसुत, खेतिहर, कृषिजीवी, हलधर, अन्नदाता, भूमिपुत्र।
- प्रथ्वी– भू, धरा, वसुंधरा, धरती, मेदिनी, जमीन।
- राजा– नरेश, नरपति, महिप, भूपति, अधिपति, नृप, भूप।
- कबूतर – कपोत, हारीत, परेवा, पारावत, रक्तलोचन।
- तालाब– सरोवर, तडाग, सर, जलास्य, पुष्कर|
- गणेश – गजानन, सिद्धि-विनायक, वक्रतुंड, गणनायक, गणपति, गौरीनंदन, विघ्नहर, विघ्नेश, विघ्नेश्वर, हस्तिमुख, मूषकवाहन, विघ्ननाशक|
- किनारा – तट, तीर, कूल, पुलिन, पर्यंत, बेलातट।
- बिजली – विधुत , चपला , चंचला , दामिनी , सौदामिनी , बाजूरी।
- रात – रात्रि , निशा , यामिनी , विभावरी |
- विष्णु – नारायण , दामोदर , गोविन्द , लाक्षिपति , महादेव , केशव , लक्ष्मीपति , चक्रपाणि , जनार्दन , हरिकेश |
- नरक – रोवर ,यमपुरी, यमालाय, यमलोक, कुंभीपाक, जहनुम।
- आकाश – आसमान, अन्तरिक्ष, नभ, अंबर, व्योम, गगन अनंत, शून्य, महानील, नभमंडल, नाक, अनन्त |
- नदी – सरिता , कुलकंषा , तरंगिणी , तटिनी, तटी, दरिया, दुकूलनी, वाहिनी, जलमाला, शैवालिनी, शैलजा|
- गणेश – गजानन, सिद्धि-विनायक, वक्रतुंड, गणनायक, गणपति, गौरीनंदन, लम्बोदर , पार्वतीनन्दन ,
- घर – निकेतन , भवन , आवास , निवास , आयतन , निलय , धाम , आगर |
- ईश्वर – जगदीश्वर, विधाता, दीनबन्धु, जगन्नाथ, हरि, राम, विश्वम्भर, परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान |
- सोना – स्वर्ण , कंचन , हाटक , कनक , हेम , जातरुप , हिरण्य ,
- पंडित – बुध, सुज्ञ, सुधी, विद्वान्, विज्ञ, ज्ञानी, धीर, प्रज्ञ, बुद्धिमान, कोविद, मर्मज्ञ
- कामदेव – , कन्दर्प, स्मर, रतिपति, पुष्पधन्वी, मयन, मीनकेतु, पंचशर, काम, अनंग, मदन, मनोज, मन्मथ |
- चन्द्रमा – चंद्र , चाँद , विधु , शशि , निशाकर , निशापति , शुधाकर , रजनीपति, मृगांक , कलनिधि |
- स्कूल – पाठशाला, विद्यालय, मदरसा, शिक्षालय, विद्यापीठ|
- अनिल – पवन, वायु, हवा, पवमान, प्रभंजन, प्रवात, समीरण, मातरिश्वा, बयार, समीर, वात, मारुत, मरुत, वाति |
- पुत्री– बेटी, लड़की, बच्ची, सुता, आत्मजा, नंदिनी।
- दुख – पीढ़ा, कष्ट, कलेश, वेदना, संताप, संकट, शोक।
- आलोचना – समीक्षा, टीका, टिप्पणी, नुक्ताचीनी, समालोचना|
- पत्नी – भार्या, गृहिणी, अर्द्धांगिनी, प्राणप्रिय, सहधर्मिनी।
- अनाड़ी – अनजान, अनभिज्ञ, अज्ञानी, अकुशल, अदक्ष, अपटु, मूर्ख, अल्पज्ञ, नौसिखिया।
- बादल– मेघ, जलधर, वारिद, निद, पयोद, पयोधर, अंभूद।
- अनभिज्ञ – अज्ञानी, मूर्ख, मूढ़, अबोध, नासमझ, अल्पज्ञ, अदक्ष, अपटु, अकुशल, अनजान।
- गंगा – भागीरथी मंदाकिनी देवनदी सुरापगा|
- आम – रसाल, आम्र, फलराज, पिकबन्धु, सहकार, अमृतफल, मधुरासव, अंब।
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